Small moral story in hindi
1. Everything is within you


एक आदमी बहुत बड़े संत-महात्मा के पास गया और बोला, हे मुनिवर! मैं राह भटक गया हूँ, कृपया मुझे बताएँ कि सच्वाई, ईमानदारी, पवित्रता कैसे मिलेगी ?
संत ने एक नज़र आदमी को देखा, फिर कहा, ‘अभी मेरा साधना करने का समय हो गया है। सामने उस तालाब में एक मछली है, उसी से तुम यह सवाल पूछो, वह तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दे देगी।
वह आदमी तालाब के पास गया। वहाँ उसे वह मछली दिखाई दी, मछली आराम कर रही थी। जैसे ही मछली ने अपनी आँख खोली तो उस आदमी ने अपना सवाल पूछा।
मछली बोली, ‘मैं तुम्हारे सवाल का जवाब अवश्य दूँगी किन्तु मैं सोकर उठी हूँ, इसलिए मुझे प्यास लगी है। कृपया पीने के लिए एक लौटा जल लेकर आओ।
वह आदमी बोला, कमाल है! तुम तो जल में ही रहती हो फिर भी प्यासी हो?
मछली ने कहा, ‘तुमने सही कहा। यही तुम्हारे सवाल का जवाब भी है।
सच्वाई, ईमानदारी, पवित्रता तुम्हारे अंदर ही है। तुम उसे यहाँ-वहाँ खोजते फिरोगे तो वह सब नही मिलेगी, अतः स्वयं को पहचानो। उस आदमी को अपने सवाल का जवाब मिल गया।
सुख-शांति, ईमानदारी, पवित्रता व सच्चाई इत्यादि की खोज में मानव कहाँ-कहाँ नही भटकता, क्या क्या जतन नही करता, फिर भी उसे निराशा ही हाथ लगती है। वह नही जानता, जिसकी खोज में वह भटक रहा है, वह तो उसके भीतर ही मौजूद है।
सुख-शांति, ईमानदारी, पवित्रता व सच्चाई इत्यादि की खोज में
मानव कहाँ-कहाँ नही भटकता,
क्या क्या जतन नही करता, फिर भी उसे
निशशा ही हाथ लगती है।
वह नही जानता, जिसकी खोज में वह भटक रहा है, वह तो उसके भीतर ही मौजूद है।
उसकी स्थिति “कस्तूरी कुंडल बसै मृग ढूंढे वन माहि” जैसी हो जाती है।

Small moral story in hindi
2. Good Behaviour
हमारे जीवन के छोटे से छोटे कार्य भी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इसीलिए कहा जाता है कि आप जब भी किसी से मिलो तो पूरे जोश से मिलो, हमेशा दूसरों की मदद करो और जो काम करो पूरी ईमानदारी से करो।
फिर देखीये आपके जीवन में कैसे नए नए रास्ते खुलते चले जाते हैं।
इसी बात को प्रमाणित करती हुयी यह प्रेरक कहानी हमें बताती हे की हमारा अच्छा व्यवहार हमारे लिये कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।

ये कहानी हे एक ऐसे व्यक्ति की जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था।
वह दिन का अंतिम समय था और सभी लोग घर जाने को तैयार थे।
तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या (Technical problem) उत्पन्न हो गयी और वह व्यक्ति उसे दूर करने में जुट गया।
जब तक वह समस्या को दूर करता, तब तक अत्यधिक देर हो चुकी थी।
लाईटें बंध हो चुकी थी , दरवाजे बंध हो गए और वह व्यक्ति भी उसी प्लांट में बंद हो गया।
बिना हवा और प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फंसे रहने के कारण उसकी कब्रगाह बनना तय था।
लगभग एक घण्टे का समय बीत चुका था ।
तभी अचानक उसने किसी व्यक्ति को दरवाजा खोलते पाया।
उसने देखा कि दरवाजे पर सिक्योरिटी गार्ड टार्च लिए खड़ा है।
यह एक चमत्कार जैसा था । उसने उसे बाहर निकलने में मदद की।
बाहर निकल कर उस व्यक्ति ने सिक्योरिटी से पूछा की “आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ?”
तब सिक्योरिटी गार्ड ने उत्तर दिया – सर, इस प्लांट में १०० लोग कार्य करते हैँ पर सिर्फ आप ही हैँ जो मुझे सुबह आने पर गुड़ मॉर्निंग और शाम को जाते समय बाय कहते हैँ।
आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नहीं निकले। इससे मेरे मन में शंका हुई और मैं देखने चला आया।
वह व्यक्ति नहीं जानता था कि उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना आज उसका जीवन बचाएगा।
याद रखेँ, जब भी आप किसी से मिलें तो उसका आदर और मुस्कुराहट के साथ सम्मान करें।
आप जो भी जैसा भी कार्य करते हे वही लौटकर वापस आता हे। इसलिये जीवन में हर किसी के साथ अच्छे से वर्ताव करे सभी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करे ।

