
Holi kyon manae jaati hai
होली एक प्राचीन हिंदू त्योहार है जो पूरे भारत में और दुनिया भर में रहने वाले भारतीयों द्वारा मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत और वसंत ऋतु के स्वागत का उत्सव है।
होली को रंगों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसमें लोग एक दूसरे पर रंगीन पाउडर फेंकते हैं। होली के पहले दिन को होलिका दहन या छोटी होली कहा जाता है, इस दौरान राक्षसी होलिका के दहन के प्रतीक के रूप में अलाव जलाया जाता है।
दूसरा दिन, रंगवाली होली या धुलंडी के रूप में जाना जाता है, वसंत की शुरुआत का प्रतीक है और हर जगह चमकीले रंगों के साथ प्यार और उर्वरता का जश्न मनाता है। होली मनाने से लोगों को खुशी मिलती है और उन्हें अपने मतभेदों को भुलाकर सद्भाव में एक साथ आने का अवसर मिलता है।
होली एक प्रसिद्ध हिंदू उत्सव है, जो पूरे देश में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। होली कई तरह से मनाई जाती है, लेकिन सबसे ज्यादा रंगों से भरी गुलाल और अबीर के साथ मनाई जाती है।
होली का उत्सव फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो फरवरी या मार्च के महीने में पड़ता है। होली को वसंत ऋतु में मनाया जाता है, जब संसार के कई हिस्सों में फूल खिलते हैं और प्रकृति नई जीवन की शुरुआत करती है।
होली के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कारण है भक्त प्रहलाद और भगवान विष्णु की कथा।
होली का पौराणिक महत्व
होली का इतिहास हिंदू पौराणिक ग्रंथों से जुड़ा हुआ है। अनुसार, हिंदू धर्म में एक राजा हुआ करता था जिसका नाम हिरण्यकश्यप था। वह अत्यंत अहंकारी था और उसे अपनी सामर्थ्य की पूजा करने की आदत थी।
उसका बेटा प्रह्लाद धर्मिक था और भगवान विष्णु का भक्त था। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद के भक्ति को सहन नहीं किया और अपनी बहन होलिका की मदद से प्रहलाद को मारने का प्रयास किया, लेकिन होलिका को आग लगी और प्रहलाद बच गया। इस घटना के बाद सभी लोग होली का त्योहार मनाने लगे, जो होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है।
होली के रंग इस कहानी से जुड़े हुए हैं। होली के दिन लोग गुलाल, अबीर और अन्य रंगों के साथ खेलते हैं और एक दूसरे को रंगों से रंगते हैं। यह खेल प्रह्लाद और हिरण्यकश्यप की कहानी का स्मरण दिलाता है और धर्म के साथ-साथ समाज के भाईचारे का भी संदेश देता है।
हमें होली क्यों मनानी चाहिए?
होली एक ऐसा उत्सव है जो सभी को एक साथ मिलकर खुश होने का मौका देता है। यह उत्सव विभिन्न तरीकों से अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों में मनाया जाता है, लेकिन इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य सभी के बीच प्यार और सौहार्द का माहौल बनाना होता है।
होली में रंगों के खेल से हमारी आत्मा में रंगीनता और खुशी भर जाती है। इस उत्सव में हम सभी अपने जीवन में आए असंतोष, दुख, और दुश्मनी को भूल जाते हैं और सभी के साथ मिलकर प्यार और एकता का संदेश देते हैं। इसके अलावा, होली एक समय होता है जब हम अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों से मिलते हैं और एक दूसरे के साथ बचपन की यादें ताजा करते हैं।
होली के उत्सव के दौरान अनेक अवसर हमें मिलते हैं अपने दोस्तों और परिवार के साथ मस्ती करने के लिए। हम सभी एक साथ रंगों से भरी पिचकारियों से खेलते हैं और भोजन के मजेदार स्वाद का लुत्फ़ उठाते हैं।
इसलिए, हमें होली का उत्सव मनाना चाहिए |
होली एक ऐसा उत्सव है जो सभी धर्मों, जातियों और समुदायों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। होली उत्सव का महत्व बहुत गहरा होता है जो समाज में एकता और समानता को दर्शाता है।
इस उत्सव को बनाए रखने के कुछ कारण हैं जैसे-
- एकता को बढ़ावा – होली उत्सव का सबसे बड़ा महत्व हमारे समाज में एकता को बढ़ावा देने में है। होली के दिन सभी लोग अपने-अपने समुदाय से जुड़े लोगों को अपनी खुशी देते हैं और समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग एक-दूसरे से मिलते हैं।
- भाईचारे को बढ़ावा – होली उत्सव में भाईचारे को बढ़ावा दिया जाता है। लोग एक-दूसरे के साथ खुशी, गुलाल और मिठाई साझा करते हैं।
- फल-फूलों की फसल की शुभकामनाएं – होली उत्सव के समय सभी लोग अपने-अपने फसलों की शुभकामनाएं देते हैं। होली फसल के उत्सव के रूप में भी मनाई जाती है।
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