इस Article में हम भगवान Gautam budhha quotes on life, भगवान Gautam budhha quotes on peace विषय पर भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचार को समझेंगे और हमारे जीवन में apply करेंगे |

Gautam budhha quotes on life
अतीत पर ध्यान मत दो भविष्य के बारे में मत सोचो अपने मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो। – Gautam budhha
अब तक आप के जीवन में जो कुछ भी हुआ हे वह अब भूतकाल हो चूका हे। आप चाहकर भी उसे बदल नहीं सकते ।
इसलिये चाहे आपका भूतकाल कितना भी कठिन क्यों न रहा हो, उसे भूल जाइये।
इस समय आपकी जो भी परिस्थिति हो जैसी भी परिस्थिति हो उसे आप बदल सकते हो। यह आपके हाथ में हे की आप अपना भविष्य कैसा बनाना चाहते हो।
आप जैसा चाहो वैसे भविष्य का निर्माण खुद के लिये कर सकते हो।
आप जैसा सोचते हो वैसे बनते हो। इसलिये अपनी सोच को हमेशा Positive रखे और अपने उद्देश्य की और धीरे धीरे आगे बढ़ते रहे |
हम जो सोचते हैं वह बन जाते हैं। – Gautam budhha
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budhha updesh in hindi
Life में कई बार ऐसी परिस्थितिया आ जाती हे जब हमें पता ही नहीं चलता की इस परिस्थिति में हम क्या करे।
हमारे पास कोई समाधान नहीं होता हे उस समस्या का।
उस समय अगर आप उस परिस्थिति से attach हो जाते हो तो आप दुःखी होंगे और तनाव महसूस करेंगे।
लेकिन जब भी ऐसी परिस्थिति आये तब आप तनाव में ना जाये और दुःखी ना हो, बस शांति से बैठकर उस परिस्थिति के बारे में detached होकर सोचे हो सकता हे आपको कोई उपाय मिल जाये।
और अगर कोई उपाय ना मिले तो इस तरह सोचे की जो भी समस्या आयी हे वह हमेशा रहने वाली नहीं हे। हर व्यक्ति के जीवन में सुःख और दुःख आते ही हे। अगर आप इस तरह से सोचोगे तो चाहे कैसी भी समस्या क्यों ना आयी हो आप बड़ी आसानी से उस समस्या से निकल पाओगे।
पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती लेकिन मानव के सद्गुण की महक सब और फैल जाती है। – Gautam budhha

budhha images with quotes
प्रकृति का नियम कुछ ऐसा हे की आप जो कुछ भी निस्वार्थ भाव से देते हो वह अनेक गुना होकर आपके पास लौटता हे चाहे वो धन हो, प्रेम हो, ज्ञान हो, खुशिया हो, मदद हो या फिर और कुछ।
अगर आप किसीको दुःख दोगे, पीड़ा दोगे तो दुःख आपके जीवन में अनेक गुना होकर लौटकर आएगा ।
अगर आप किसीको ख़ुशी दोगे तो खुशियां आपके जीवन में अनेक गुना होकर लौटकर आएगी।
जो आप लोगों को या संसार को या इस प्रकृति को दोगे वही अनेक गुना होकर आपको मिलेगा।
इसलिये आप के पास जो कुछ भी अधिक हो उसे बाटना सरु करे |
जैसे एक दीयेसे हजारों दीये जलाये जा सकते हे फिर भी उसकी रौशनी कम नहीं होती वैसे ही आप जो कुछ भी निस्वार्थ भाव से देते हो वह कम नहीं होता हे बल्कि अनेक गुना होकर आपके पास लौटता हे |
किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है। – Gautam budhha
जैसा संग वैसा रंग। हम जिन लोगों के बिच रहते हे उनका प्रभाव हमारे ऊपर होता हे।
क्योंकि जो भी हम देखते हे, सुनते हे उसका सीधा असर हमारी सोच पर पड़ता हे।
इसलिये ऐसे लोगों से दूर रहे जो आपकी सोच को दूषित करते हो, क्योंकि ऐसा होने से आपका विवेक खो जायेगा और आपकी बुद्धि को नुकशान होगा।
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Gautam budhha quotes on life in hindi
आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा चढ़ाकर मत बताइए और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिए जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती। – Gautam budhha
सभी को उतना ही मिलता हे जितने का वो हक़दार होता हे।
इसलिये दूसरों को देखकर ईर्ष्या ना करे, क्योंकि ऐसा करने से आपको को ही दुःख होगा, आपकी मन की शांति खो जायेगी। और ऐसा करने से आप भविष्यमे अपने लिये दुःख के बीज बो रहे हे।
इसलिये इससे बेहतर हे की आप सबके साथ प्रेम से रहे, खुशियां बांटे और हमेशा प्रसन्न रहे। ताकि आपका भविष्य भी सुःख और खुशियों से भरा हो ।

Budhha quotes in hindi
अभिलाषा सब दुखों का मूल है। – Gautam budhha
इच्छा ही सभी दुःखों का कारण हे क्योंकि जैसे ही हमारी एक इच्छा पूरी होती हे की तुरंत नयी इच्छा आ जाती हे।
इन इच्छाओं का कोई अंत नहीं हे। इसलिये अगर सुखी होना हे तो इच्छाओ पर विजय प्राप्त करनी होगी। और वह तभी संभव हे जब हमें ईश्वर की अनुभूति हो। सत्य की अनुभूति हो।
धृणा धृणा से कम नहीं होती प्रेम से होती है। – Gautam budhha
सभी प्राणियों के प्रति असीम प्रेमभाव बढ़ाए। – Gautam budhha

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चाहे आप जितने पवित्र शब्द पढ़ ले या बोल ले, वह आपका क्या भला करेंगे जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते। – Gautam budhha
हम बहोत कुछ अच्छा सुनते हे, या पढ़ते हे लेकिन वो सब तब तक हमारे जीवनमे मददरूप नहीं होंगे जब तक हम उसे आचरण में नहीं लाएंगे। इसलिये बेहतर यही हे की जो भी हम अच्छा सुने या पढ़े उसे तुरंत अमल में लाये।

जब भी हमारे भीतर क्रोध आता हे तब सबसे पहले हम ही दुःखी होते हे। और जितने समय तक हम उस क्रोध के भाव में रहते हे उतने समय तक हम दुःखी रहते हे और हमारे मन को शांति नहीं मिलेगी। इसलिये क्रोध को छोड़े।

- ब्राह्मण न तो जटा से होता है ना गोत्र से और ना जन्म से जिसमें सत्य है धर्म है और जो पवित्र है वही ब्राह्मण है।
Gautam budhha quotes

पाप का संचय ही दुखों का मूल है। – Gautam budhha
Gautam budhha quotes

यदि मनुष्य शुद्ध मन से बोलता है या कोई काम करता है तो सुख उसी तरह उसका पीछा करता है जिस तरह मनुष्य के पीछे उसकी छाया। – Gautam budhha

जब कोई आदमी दूषित मन से बोलता है या वैसा कोई काम करता है तो दुःख उसका पीछा उसी तरह करता है जिस तरह बेलगाड़ी के पहिए बेल के पैरों का पीछा करते हैं। – Gautam budhha

हजार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजयी है। – Gautam budhha

चार आर्य सत्य है।
- दुःख है।
- दुःख का कारण है।
- दुःख का निदान है।
- दुःख के निदान का मार्ग है। – Gautam budhha