50+ Great Bhagvat Geeta Quotes In Hindi

In this article, I write a few Bhagvat Geeta Quotes in Hindi to help you in your life journey.

इस लेख में, मैंने कुछ भागवत गीता उद्धरण हिंदी में लिखे हैं जो आपकी जीवन यात्रा में आपकी मदद कर सकते हैं।

भगवद गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है जिसका हजारों वर्षों से पाठ और अध्ययन किया जाता रहा है।

भगवद गीता हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी हमेशा सही काम करने का प्रयास करना चाहिए और हमेशा अपने विश्वास में दृढ़ रहना चाहिए।

न जायते म्रियते वा कदाचिन्ना, यं भूत्वा भविता वा न भूयः।

अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो, न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥

अर्थात् -: आत्मा किसी काल में भी न जन्मता है और न मरता है और न यह एक बार होकर फिर अभावरूप होने वाला है। आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है, शरीर के नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता।

“कर्मण्य वधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन”

अर्थात् -: “आपको अपने कर्म करने का अधिकार है, लेकिन आप अपने कर्म के फल के हकदार नहीं हैं”

Bhagvat Geeta Quotes In Hindi – भगवत गीता का सार

वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद करते हुए

अपना शरीर त्यागता है,

वह मेरे धाम को प्राप्त होता है

और इसमें कोई शंशय नही है।

– Bhagvat Geeta

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम भी मैं ही हूँ।

– Bhagvat Geeta

“बुद्धिमान न तो जीवितों के लिए शोक करते हैं

और न ही मृतकों के लिए। ऐसा कोई समय नहीं था

जब आप और मैं और यहां एकत्रित सभी राजा मौजूद नहीं थे

और न ही ऐसा कोई समय होगा जब हम अस्तित्व में नहीं रहेंगे।

भगवद गीता

न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो,

यह शरीर 5 तत्वों से बना है – आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश,

एक दिन यह शरीर इन्ही 5 तत्वों में विलीन हो जाएगा।

– Bhagvat Geeta

सही कर्म वह नहीं है जिसके

परिणाम हमेशा सही हो

अपितु सही कर्म वह है जिसका

उद्देश्य कभी गलत ना हो।

– Bhagvat Geeta

हे अर्जुन ! तुम्हारा क्या गया

जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे

जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था

जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया

यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया,

जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा,

क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।

– Bhagvat Geeta

जब तुम्हारा बुद्धि विभिन्न प्रकार के

वचनो को सुनकर विचलित न हो

तथा नित्य परमात्मा मे स्थिर हो

जायेगी तभी तुम्हे योग की प्राप्ति होगी !!

– Bhagvat Geeta

मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है,

इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते

समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए।

– Bhagvat Geeta

क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि

व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब

तर्क नष्ट हो जाता है. जब तर्क नष्ट होता है

तब व्यक्ति का पतन हो जाता है !!

– Bhagvat Geeta

मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए।

जैसे – विधार्थी का धर्म विधा प्राप्त करना, सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि।

जिस मानव का जो कर्तव्य है उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए।

– Bhagvat Geeta

“जो कोई भी आध्यात्मिक प्राप्ति के उन्नत चरण के लिए अपने दृढ़ संकल्प में स्थिर है और संकट और सुख के हमलों को समान रूप से सहन कर सकता है, वह निश्चित रूप से मुक्ति के योग्य व्यक्ति है।”

– Bhagvat Geeta

“बुद्धिमान न तो जीवितों के लिए शोक करते हैं और न ही मृतकों के लिए। ऐसा कोई समय नहीं था जब आप और मैं और यहां एकत्रित सभी राजा मौजूद नहीं थे और न ही ऐसा कोई समय होगा जब हम अस्तित्व में नहीं रहेंगे।

– Bhagvat Geeta

“मैं सभी प्राणियों के हृदय में निवास करने वाला आत्मा हूँ। मैं सभी प्राणियों का आदि, मध्य और अंत भी हूँ।”

Bhagvat Geeta

मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है,

लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।

– Bhagvat Geeta

जब जब इस धरती पर पाप,

अहंकार और अधर्म बढ़ेगा,

तो उसका विनाश कर पुन:

धर्म की स्थापना करने हेतु,

में अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

– Bhagvat Geeta

आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते और न अग्नि इसे जला सकती है जल इसे गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती।

– Bhagvat Geeta

“कोई भी जो अच्छा काम करता है उसका कभी भी बुरा अंत नहीं होगा, चाहे यहाँ या आने वाले दुनिया में”

– Bhagvat Geeta

Bhagvat Geeta Quotes on Karma in Hindi

कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है

इसलिए हमेशा अच्छे बीज बोए ताकि फसल अच्छी हो।

– Bhagvat Geeta

समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।

– Bhagvat Geeta

अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।

– Bhagvat Geeta

यह सृष्टि कर्म क्षेत्र है, बिना कर्म किये यहाँ कुछ भी हासिल नहीं हो सकता।

– Bhagvat Geeta

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

– Bhagvat Geeta

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

– Bhagvat Geeta

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता,

ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

– Bhagvat Geeta

मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है। इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए।

– Bhagvat Geeta

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो।

– Bhagvat Geeta

हमें अपने कार्यों के प्रति सावधान रहना चाहिए और भविष्य के परिणामों के बारे में चिंता करने के बजाय वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

– Bhagvat Geeta

मनुष्य को अपने कर्मों के संभावित परिणामों से प्राप्त होने वाली विजय या पराजय, लाभ या हानि, प्रसन्नता या दुःख इत्यादि के बारे में सोच कर चिंता से ग्रसित नहीं होना चाहिए।

– Bhagvat Geeta

Bhagvat Geeta Quotes on Life in Hindi

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

– Bhagvat Geeta

तुम क्यों व्यर्थ में चिंता करते हो ? तुम क्यों भयभीत होते हो ? कौन तुम्हे मार सकता है ? आत्मा न कभी जन्म लेती है और न ही इसे कोई मार सकता है, ये ही जीवन का अंतिम सत्य है।

– Bhagvat Geeta

“हम वही देखते हैं जो हम हैं, और हम वही हैं जो हम देखते हैं।”

– Bhagvat Geeta

तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा। क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।

– Bhagvat Geeta

अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है। जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।

– Bhagvat Geeta

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।

– Bhagvat Geeta

अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।

– Bhagvat Geeta

मनुष्य का मन इन्द्रियों के चक्रव्यूह के कारण भ्रमित रहता है। जो वासना, लालच, आलस्य जैसी बुरी आदतों से ग्रसित हो जाता है। इसलिए मनुष्य का अपने मन एवं आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए।

– Bhagvat Geeta

मैं सभी प्राणियों को एक समान रूप से देखता हूं, मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा। लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूं।

– Bhagvat Geeta

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।

– Bhagvat Geeta

वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।

– Bhagvat Geeta

वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है और इसमें कोई शंशय नही है।

– Bhagvat Geeta

वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है।

– Bhagvat Geeta

जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा। तो उसका विनाश कर धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

– Bhagvat Geeta

मैं भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं, लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है।

– Bhagvat Geeta

जो पुरुष सुख तथा दुख में विचलित नहीं होता और इन दोनों में समभाव रहता है, वह निश्चित रूप से मुक्ति के योग्य है।

– Bhagvat Geeta

“एक उपहार तब शुद्ध होता है जब वह दिल से सही व्यक्ति को सही समय पर और सही जगह पर दिया जाता है, और जब हम बदले में कुछ उम्मीद नहीं करते हैं”

– Bhagvat Geeta

“किसी और के जीवन की नकल को पूर्णता के साथ जीने की तुलना में अपने भाग्य को अपूर्ण रूप से जीना बेहतर है।”

– Bhagvat Geeta

मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।

– Bhagvat Geeta

जिस मनुष्य के अंदर ज्ञान की कमी और ईश्वर में श्रद्धा नहीं होती, वो मनुष्य जीवन में कभी भी आनंद और सफलता को प्राप्त नहीं कर पाता।

– Bhagvat Geeta

जो लोग भक्ति में श्रद्धा नहीं रखते, वे मुझे पा नहीं सकते। अतः वे इस दुनिया में जन्म-मृत्यु के रास्ते पर वापस आते रहते हैं।

– Bhagvat Geeta

जो दान बिना सत्कार के कुपात्र को दिया जाता है वह तमस दान कहलाता है।

– Bhagvat Geeta

जो दान कर्तव्य समझकर, बिना किसी संकोच के, किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जाए, वह सात्विक माना जाता है।

– Bhagvat Geeta

क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

– Bhagvat Geeta

जिसने मन को जीत लिया है, उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है, क्योंकि उसने शान्ति प्राप्त कर ली है। ऐसे मनुष्य के लिए सुख-दुख, सर्दी-गर्मी और मान-अपमान एक से है।

– Bhagvat Geeta

असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहं चलम् ।

अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते ॥

अर्थात् -: हे महाबाहो ! नि:सन्देह मन चंचल और कठिनता से वश में होने वाला है। परन्तु, हे कुन्तीपुत्र! उसे अभ्यास और वैराग्य के द्वारा वश में किया जा सकता है।

Hope you like Bhagvat geeta quotes in hindi.

Read here Atharva veda quotes in hindi

Leave a Comment