Atharva Veda Quotes in hindi – अथर्ववेद के अनमोल विचार
Atharva Veda में जीवन के हर दृष्टिकोण को बड़ी अच्छी तरह से समझाया गया हे सृष्टि के गूढ़ रहष्यो, रोगोपचार, परिवार, समाज व्यवस्था, गुण विकास आदि जीवन के सभी पहेलु पर इसमें बात की गयी हे।
अन्य वेदो में गूढ़ ज्ञान हे लेकिन Atharva Veda मे ज्ञान-विज्ञान के गूढ़ रहस्यों के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी हे।
- असत्य नहीं, सत्य ही बोलिए। सत्य के पथ पर चलना परम शांतिदायक राजमार्ग है।- अथर्ववेद Atharva Veda
2. सद्बुद्धि ही संसार में सर्वश्रेष्ठ वस्तु है। जिसने अपनी विचारधारा शुद्ध कर ली उसने सब कुछ प्राप्त कर लिया। – अथर्ववेद Atharva Veda
3. जो अंदर हो वही बाहर प्रकट करो, जो बाहर कहते हो वही भीतर रखो। जिसके भीतर-बाहर एक ही बात है वही निष्कपट व्यक्ति धन्य है। – अथर्ववेद Atharva Veda
4. क्रोध मत करो। क्रोध एक प्रकार का पागलपन है। उससे उलझनें घटती नहीं बढ़ती हैं।- अथर्ववेद Atharva Veda
5. चिंता करना व्यर्थ है। चिंता में खून सुखाने और समय नष्ट करने की अपेक्षा कठिनाई का हल सोचो।- अथर्ववेद Atharva Veda
Atharva Veda Quotes in Hindi
6. उस मार्ग पर चलो जिस मार्ग पर सज्जन चलते हैं। उद्दद्दंडता और अनीति के मार्ग पर चलने वाला दुःख पाता है।- अथर्ववेद Atharva Veda
7. जिसने मीठी वाणी का महत्त्व समझ लिया वह सर्वत्र सफल होगा।- अथर्ववेद Atharva Veda
8. परस्पर मधुर वचन बोला करो। मधुर वाणी बोलने से कलह घटता और प्रेम बढ़ता है।- अथर्ववेद Atharva Veda
9. श्रेष्ठ बनना ही महान सौभाग्य है। जो महापुरुष बनने के लिए प्रयत्नशील हैं वे धन्य हैं।- अथर्ववेद Atharva Veda
10. बराबर वालों से आगे बढ़ो, श्रेष्ठ तक पहुँचो। मुर्खों से अपनी तुलना न करो, बुद्धिमानों का आदर्श ग्रहण करो ।- अथर्ववेद Atharva Veda
11. उन्नति उसकी होती है जो प्रयत्नशील है । भाग्य भरोसे बैठे रहने वाले आलसी सदा दीन-हीन ही रहेंगे।- अथर्ववेद Atharva Veda
12. यश उसे मिलता है, जो सत्कर्म करता है। कीर्ति वही स्थाई है जो सत्कार्यों द्वारा प्राप्त की जाती है।- अथर्ववेद Atharva Veda
13. धर्मात्मा में दस हजार मनुष्यों के बराबर बल होता है। जिसका मार्ग सचाई का है उसे कोई हरा नहीं सकता।- अथर्ववेद Atharva Veda
14. साधारण लोगों की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ बनो । जनता की भेड़चाल से बँधे न रहो. श्रेष्ठता को अपनाओ।- अथर्ववेद Atharva Veda
15. जिंदगी हँसते-खेलते जीने के लिए है। चिंता, भय, शोक, क्रोध, निराशा, ईर्ष्या, तृष्णा एवं वासना में फसे रहना मूर्खता है।- अथर्ववेद Atharva Veda
Atharva veda quotes in hindi
16. दिव्य मन को लड़ाई-झगड़े में न फँसाओ। मन की दिव्यता का उपयोग द्वेष नहीं प्रेम ही है।- अथर्ववेद Atharva Veda
17. मनुष्य आपस में लड़ाई-झगड़ा न करें। प्रेमभाव ही मनुष्य के सुदृढ़ संबंधों का आधार है।- अथर्ववेद Atharva Veda
18. किसी से हमारी शत्रुता न हो। शत्रुता का भाव जहां रहता है, वही अग्नि की तरह जलता है।- अथर्ववेद Atharva Veda
19. बुजुर्गों से शिष्टाचार बरतो। जो बड़ों का मान नहीं करते वे उन्नति नहीं करते।- अथर्ववेद Atharva Veda
20. आदरणीय सज्जनों का सम्मान करो। जो दूसरों का सम्मान नहीं करते उन्हें स्वयं भी मान नहीं मिलता।- अथर्ववेद Atharva Veda quotes in hindi
21. अंदर के सब दुर्भावों को निकाल बाहर करो। बाहरी शत्रु उतनी हानि नहीं कर सकते जितनी अंत:शत्रु करते हैं।- अथर्ववेद Atharva Veda
22. सब प्रकार के दुष्कर्मों से बचो। दुष्कर्म किसी भी प्रकार का हो-त्याज्य है।- अथर्ववेद Atharva Veda
23. मानसिक पापों का परित्याग करो। मन में जमी हुई वासना ही दुष्कर्म कराती है।- अथर्ववेद Atharva Veda
24. किसी का दिल न दुखाओ। अन्यायपूर्वक किसी को सताने की दुष्टता न करो ।- अथर्ववेद Atharva Veda
25. संगठन करो और उसी से तुम्हारी रक्षा होगी। आत्मरक्षा के लिए संगठन सर्वोपरि शस्त्र है।- अथर्ववेद Atharva Veda
Atharva Veda Quotes in Hindi
26. मत किसी से शत्रुता करो, मत किसी से डरो। सबको अपना समझने वाला सदा निर्भय रहेगा।- अथर्ववेद Atharva Veda
27. जिसका अज्ञान दूर होगा, वही पाप से छूटेगा। पाप का प्रधान कारण आत्मज्ञान का अभाव ही है।- अथर्ववेद Atharva Veda
28. किसी के ऋणी मत रहो। अपनी स्थिति से बाहर खरच न करो।- अथर्ववेद Atharva Veda
29. सत्पात्रों को ही दान करो। कुपात्रों को दिया दान, दाता को नरक में ले जाता है।- अथर्ववेद Atharva Veda
30. शरीर में तेज, साहस, ओज, आयुष्य और बल की वृद्धि करो। देह को भगवान का मंदिर समझकर उसकी पूर्ण साज-सँभाल रखो।- अथर्ववेद atharva veda quotes in hindi
Atharva veda quotes in hindi
31. अनीति के आगे सिर न झुकाओ। बुराई के आगे आत्मसमर्पण न करो।- अथर्ववेद Atharva Veda
32. किसी का अन्याय सहन न करो। स्थिति के अनुसार अनीति के प्रतिकार का मार्ग ढूँढ़ो।- अथर्ववेद Atharva Veda
33. ईमानदारी से कमाया धन ही ठहरता है । बेईमानी की कमाई से कोई फलता-फूलता नहीं। अथर्ववेद Atharva Veda
34. सहृदयता, एकता और प्रेम की भावना पैदा करो। आत्मा का विकास इन्हीं तीन सद्गुणों से होता है।- अथर्ववेद Atharva Veda
35. एक दूसरे से प्यार करो। प्यार में परमात्मा का प्रत्यक्ष निवास है।- अथर्ववेद
atharva veda quotes in hindi
36. इस विश्व में परमात्मा ही अनेक रूपों से जन्म ले रहा है। संसार के सब प्राणधारी परमात्मा की प्रति-मूर्तियाँ हैं। – अथर्ववेद Atharva Veda
37. सत्यवादियो, असत्य को मत अपनाओ। जो असत्य को अपनाता है, वह सब कुछ खो बैठता है। – अथर्ववेद Atharva Veda
38. अँधेरे में मत पड़े रहो। जो अज्ञान और आलस्य में डूबा रहता है, वह अँधेरे में भटकेगा।- अथर्ववेद Atharva Veda
39. सत्य व्रतधारी ही सर्वत्र सुख-शांति उत्पन्न करते हैं। स्वयं सुखी रहना और दूसरों को सुख देना केवल सत्य मार्ग
द्वारा ही संभव है।- अथर्ववेद Atharva Veda
40. हृदय और मन में एकता रखो, आपस में द्वेष मत करो। हृदय और मन से प्रेम व्यवहार करना चाहिए ।- अथर्ववेद
atharva veda quotes in hindi
41. जो श्रद्धा को छोड़कर तृष्णा में फँसे हैं, वे नाश की तैयारी कर रहे हैं। आत्मोन्नति से विमुख होकर मृगतृष्णा में भटकने की मूर्खता न करो।- अथर्ववेद Atharva Veda
42. गुजरे हुओं के लिए शोक मत करो। संसार की हर वस्तु नाशवान है, अवश्यंभावी के लिए रोना क्या है? – अथर्ववेद Atharva veda
atharva veda quotes in hindi
43. सब परस्पर मिलकर खान-पान किया करो। सहयोग और प्रीतिभोज से प्रेमभाव बढ़ता है।- अथर्ववेद Atharva Veda
44. सत्पुरुष लड़ाई-झगड़ा एवं ईर्ष्या द्वेष नहीं करते। क्योंकि वे जानते हैं कि उनसे लाभ कुछ नहीं, अहित अनंत है।- अथर्ववेद Atharva Veda
45. वैसे कार्य करो जिनसे द्वेष नहीं प्रेम बढ़े। जिन कार्यों के करने से विरोध बढ़े, उन्हें मत करो।- अथर्ववेद Atharva Veda
Hope you like the atharva veda quotes in hindi. You can read here Rigveda quotes in hindi